कभी है तल्ख़ सा लहजा कभी सबा की तरह,
मिजाज अपना बदलता है वो हवा की तरह,
वो अपने आप से बेगाना कर गया हमको,
एक अजनबी जो मिला खास आशना की तरह,
क़दम क़दम पे भटकना कबूल है मुझको,
अगर तू साथ रहे मेरे रहनुमा की तरह,
हम उस की याद की दिल से लगा के जी लेंगे,
भुला सके तो भुला दे वो बेवफा की तरह....!!!
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