Pages

Monday, August 31, 2009

मुझे भुला के दिखा (Mujhe Bhula Ke Dikha)

तूं अपने फन से मेरी चाहत को अजमा के दिखा,
मैं टूट'ता हूँ तूं फिर से मुझे बना के दिखा,

तेरे बदन में लहू बन के दौड़ता हूँ मैं,
तुझे खुदा की कसम है मुझे भुला के दिखा,

मैं इतने दर्द में भी क़हक़हे लगाता हूँ,
तूं एक दुःख में सिर्फ मुझे मुस्कुरा के दिखा,

तुझे तो मैंने हमेशा मनाया है लेकिन,
मैं आज रूठ चला हूँ मुझे मना के दिखा...!!!


Bookmark and Share

No comments:

Post a Comment