Umar guzri marte marte,
Thandi aanhe bharte bharte,
Zakhm-e-Jigar ka andesha kya,
Bhar jayega bharte bharte,
Maikhane mein umar guzri,
May se tauba karte karte,
Aaj 'Preet' kyu jaam ko tumne,
Munh ko lagaya darte darte...!!!
**********
उम्र गुजरी मरते मरते,
ठंडी आंहे भरते भरते,
ज़ख्म-ए-जिगर का अंदेशा क्या,
भर जायेगा भरते भरते,
मयखाने में उम्र गुजरी,
मय से तौबा करते करते,
आज 'प्रीत' क्यों जाम को तुमने,
मुंह को लगाया डरते डरते...!!!
Saturday, January 23, 2010
Waqt Nazuk Hai
Jaam takrao, Waqt nazuk hai,
Rang Chhalkao, Waqt nazuk hai,
Hasraton ki haseen kabron par,
Phool barsao, Waqt nazuk hai,
Ik fareb aur zindgi ke liye,
Hath failao, Waqt nazuk hai,
Rang udne laga hai phoolon ka,
Ab to aa jao, Waqt nazuk hai,
Tishnagi tishnagi arey tauba,
Zulf lehrao, Waqt nazuk hai,
Bazm-e-sagar hai gosh bar awaaz,
Kuch to farmao, Waqt nazuk hai...!!!
**********
जाम टकराओ, वक़्त नाज़ुक है,
रंग छलकाओ, वक़्त नाज़ुक है,
हसरतों की हसीं कब्रों पर,
फूल बरसाओ, वक़्त नाज़ुक है,
इक फरेब और जिंदगी के लिए,
हाथ फैलाओ, वक़्त नाज़ुक है,
रंग उड़ने लगा है फूलों का,
अब तो आ जाओ, वक़्त नाज़ुक है,
तिशनगी तिशनगी, तौबा तौबा,
ज़ुल्फ़ लहराओ, वक़्त नाज़ुक है,
बज़्म-ए-सागर है, गोश बार आवाज़,
कुछ तो फरमाओ, वक़्त नाज़ुक है...!!!
Rang Chhalkao, Waqt nazuk hai,
Hasraton ki haseen kabron par,
Phool barsao, Waqt nazuk hai,
Ik fareb aur zindgi ke liye,
Hath failao, Waqt nazuk hai,
Rang udne laga hai phoolon ka,
Ab to aa jao, Waqt nazuk hai,
Tishnagi tishnagi arey tauba,
Zulf lehrao, Waqt nazuk hai,
Bazm-e-sagar hai gosh bar awaaz,
Kuch to farmao, Waqt nazuk hai...!!!
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जाम टकराओ, वक़्त नाज़ुक है,
रंग छलकाओ, वक़्त नाज़ुक है,
हसरतों की हसीं कब्रों पर,
फूल बरसाओ, वक़्त नाज़ुक है,
इक फरेब और जिंदगी के लिए,
हाथ फैलाओ, वक़्त नाज़ुक है,
रंग उड़ने लगा है फूलों का,
अब तो आ जाओ, वक़्त नाज़ुक है,
तिशनगी तिशनगी, तौबा तौबा,
ज़ुल्फ़ लहराओ, वक़्त नाज़ुक है,
बज़्म-ए-सागर है, गोश बार आवाज़,
कुछ तो फरमाओ, वक़्त नाज़ुक है...!!!
Sitamgar
Mitti ke jitne ghar main banata chala gaya,
Ik shakhs khafa ho ke girata chala gaya,
Wo mujh se bahut door-door bhagta raha,
Jitna main us ke naaz uthata chala gaya,
Ik mere waste hi us ne dard rakhe the,
Baki to wo har ik ko hansata chala gaya,
Thi hath mein taqat par ek na chali,
Us ke siwa main sab ko harata chala gaya,
Us ki yad ke jitna charag roshan the,
Unko bhi wo sitamgar bujhata chala gaya...!!!
**********
मिट्टी के जितने घर मैं बनाता चला गया,
इक शख्स खफा हो के गिराता चला गया,
वो मुझसे बहुत दूर दूर भागता चला गया,
जितने मैं उसके नाज़ उठाता चला गया,
इक मेरे वास्ते ही उस ने दर्द रखे थे,
बाकी तो वो सब को हंसाता चला गया,
थी हाथ में ताक़त पर एक न चली,
उस के सिवा मैं हर इक को हराता चला गया,
उस की याद के जितने चिराग रोशन थे,
उनको भी सितमगर बुझाता चला गया...!!!
Ik shakhs khafa ho ke girata chala gaya,
Wo mujh se bahut door-door bhagta raha,
Jitna main us ke naaz uthata chala gaya,
Ik mere waste hi us ne dard rakhe the,
Baki to wo har ik ko hansata chala gaya,
Thi hath mein taqat par ek na chali,
Us ke siwa main sab ko harata chala gaya,
Us ki yad ke jitna charag roshan the,
Unko bhi wo sitamgar bujhata chala gaya...!!!
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मिट्टी के जितने घर मैं बनाता चला गया,
इक शख्स खफा हो के गिराता चला गया,
वो मुझसे बहुत दूर दूर भागता चला गया,
जितने मैं उसके नाज़ उठाता चला गया,
इक मेरे वास्ते ही उस ने दर्द रखे थे,
बाकी तो वो सब को हंसाता चला गया,
थी हाथ में ताक़त पर एक न चली,
उस के सिवा मैं हर इक को हराता चला गया,
उस की याद के जितने चिराग रोशन थे,
उनको भी सितमगर बुझाता चला गया...!!!
Tu Bhi Nahi Main Bhi Nahi
Apni marzi se juda tu bhi nahi main bhi nahi,
Shayad ab ke bewafa tu bhi nahi main bhi nahi,
Dekhna hum ek din gard-e-safar ho jayenge,
Raston se ashana tu bhi nahi main bhi nahi,
Gardish-e-halaat se bas kat gaye hain raste,
Qabil-e-qaid-o-saza tu bhi nahi main bhi nahi,
Kya khabar thi is qadar na’ashana ho jayenge,
Aaj kal pehchanta tu bhi nahi main bhi nahi,
Faaslon se bhi guzarna fir zara sa dekhna,
Aisa lagta hai khafa tu bhi nahi main bhi nahi,
Ek duje ki buhat tareef karna Jabaja,
Maan le dil ka bura tu bhi nahi main bhi nahi...!!!
**********
अपनी मर्ज़ी से जुदा तू भी नहीं मैं भी नहीं,
शायद अब के बेवफा तू भी नहीं मैं भी नहीं,
देखना हम एक दिन गर्द-ए-सफ़र हो जायेंगे,
रास्तों से आशना तू भी नहीं मैं भी नहीं,
गर्दिश-ए-हालात से बस कट गए हैं रास्ते
काबिल-ए-क़ैद-ओ-सजा तू भी नहीं मैं भी नहीं,
क्या खबर थी इस कदर ना'आशना हो जायेंगे,
आज कल पहचानता तू भी नहीं मैं भी नहीं,
फांसलों से भी गुज़रना फिर ज़रा सा देखना,
ऐसा लगता है खफा तू भी नहीं मैं भी नहीं,
एक दूजे की बहुत तारीफ करना,
मान ले दिल का बुरा तू भी नहीं मैं भी नहीं...!!!
Shayad ab ke bewafa tu bhi nahi main bhi nahi,
Dekhna hum ek din gard-e-safar ho jayenge,
Raston se ashana tu bhi nahi main bhi nahi,
Gardish-e-halaat se bas kat gaye hain raste,
Qabil-e-qaid-o-saza tu bhi nahi main bhi nahi,
Kya khabar thi is qadar na’ashana ho jayenge,
Aaj kal pehchanta tu bhi nahi main bhi nahi,
Faaslon se bhi guzarna fir zara sa dekhna,
Aisa lagta hai khafa tu bhi nahi main bhi nahi,
Ek duje ki buhat tareef karna Jabaja,
Maan le dil ka bura tu bhi nahi main bhi nahi...!!!
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अपनी मर्ज़ी से जुदा तू भी नहीं मैं भी नहीं,
शायद अब के बेवफा तू भी नहीं मैं भी नहीं,
देखना हम एक दिन गर्द-ए-सफ़र हो जायेंगे,
रास्तों से आशना तू भी नहीं मैं भी नहीं,
गर्दिश-ए-हालात से बस कट गए हैं रास्ते
काबिल-ए-क़ैद-ओ-सजा तू भी नहीं मैं भी नहीं,
क्या खबर थी इस कदर ना'आशना हो जायेंगे,
आज कल पहचानता तू भी नहीं मैं भी नहीं,
फांसलों से भी गुज़रना फिर ज़रा सा देखना,
ऐसा लगता है खफा तू भी नहीं मैं भी नहीं,
एक दूजे की बहुत तारीफ करना,
मान ले दिल का बुरा तू भी नहीं मैं भी नहीं...!!!
Tuesday, January 19, 2010
Motiya (lyrics) - Satinder Sartaj
Motiya, chameli, bela, ketki tarek phul tara-mira saronh te palayi de,
Kesu, kachnaar ni sharee te amaltaas, tere layi hi khetan che ugayi de,
Maruae da buta ik laya, ohde utte sohne hathan naal pani chhidkaja ni,
Lehnga banvaya lajwantri da vekhi, haiga mech zara pa ke ta dikhaja ni,
Kaahi diya dumbiya di jhallar bana ke, ni eh chet diya dhupan vich payidi,
Kesu, kachnaar ni sharee te amaltaas, tere layi hi khetan che ugayi de,
Motiya, chameli, bela, ketki tarek phul tara-mira saronh te palayi de,
Ketki da phul tere kessan vich lava, dekhi digge na khayal zara rakh ni,
Kashni je range ni tarek wale phul, teri chunni te lagavan sawa lakh ni,
Chari deya sitteya da banuga paranda, phul san wale goteya nu layide,
Kesu, kachnaar ni sharee te amaltaas, tere layi hi khetan che ugayi de,
Motiya, chameli, bela, ketki tarek phul tara-mira saronh te palayi de,
Alsi de phullan de bana lawange gajre ni haar, tikka, jhanjhra te boonde ni,
Kanka de siteya de banuge clip main udeekda sunehri kadon hunde ni,
Middiya saja ke chunni gal wich pa ke ni eh jaan-jaan lokan nu dikhayi de,
Kesu, kachnaar ni sharee te amaltaas, tere layi hi khetan che ugayi de,
Motiya, chameli, bela, ketki tarek phul tara-mira saronh te palayi de,
Boota gulmohar da lagavange jado, tu ohde phul fulkari te lagayi ni,
Gula'nari kurti te chitte phul paune, je tu tinn-char dina layi aayi ni,
Jana paina fer sanu maalve de val, ke doabe vich phul ni kapahi de,
Kesu, kachnaar ni sharee te amaltaas, tere layi hi khetan che ugayi de,
Motiya, chameli, bela, ketki tarek phul tara-mira saronh te palayi de,
Chhalli de sunheri vaal kalgi nu lavage, te daneya da ban juga daaj ni,
Appe hi rang lavange gulabi chire chunniya, te surma vi pa lau 'Sartaj' ni,
Jehri rutte phul lagge aasa wale baans nu ni, supne vi odon hi vyahi de,
Kesu, kachnaar ni sharee te amaltaas, tere layi hi khetan che ugayi de,
Motiya, chameli, bela, ketki tarek phul tara-mira saronh te palayi de...!!!
**********
ਮੋਤੀਆ, ਚਮੇਲੀ, ਬੇਲਾ, ਕੇਤਕੀ, ਤਰੇਕ ਫੁੱਲ ਤਾਰਾ-ਮੀਰਾ ਸਰੋਂ ਤੇ ਪਲਾਈ ਦੇ,
ਕੇਸੂ, ਕਚਨਾਰ ਨੀ ਸ਼ਰੀ ਤੇ ਅਮਲਤ੍ਰਾਸ, ਤੇਰੇ ਲਈ ਹੀ ਖੇਤਾਂ ਚ ਉਗਾਈ ਦੇ,
ਮਰੁਏ ਦਾ ਬੂੱਟਾ ਇਕ ਲਾਇਆ, ਉਹਦੇ ਉੱਤੇ ਸੋਹਣੇ ਹਥਾਂ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਛਿੜਕਾਜਾ ਨੀ,
ਲੈਹੰਗਾ ਬਣਵਾਯਾ ਲਾਜ਼ਵੰਤਰੀ ਦਾ ਵੇਖੀ, ਹੈਗਾ ਮੇਚ ਜ਼ਰਾ ਪਾ ਕੇ ਤਾ ਦਿਖਾਜਾ ਨੀ,
ਕਾਹੀ ਦਿਯਾਂ ਦੁੰਬੀਆਂ ਦੀ ਝਾਲਰ ਬਨਾ ਕੇ, ਨੀ ਏਹ ਚੇਤ ਦੀਆਂ ਧੁੱਪਾ ਵਿਚ ਪਾਇਦੇ,
ਕੇਸੂ, ਕਚਨਾਰ ਨੀ ਸ਼ਰੀ ਤੇ ਅਮਲਤ੍ਰਾਸ, ਤੇਰੇ ਲਈ ਹੀ ਖੇਤਾਂ ਚ ਉਗਾਈ ਦੇ,
ਮੋਤੀਆ, ਚਮੇਲੀ, ਬੇਲਾ, ਕੇਤਕੀ, ਤਰੇਕ ਫੁੱਲ ਤਾਰਾ-ਮੀਰਾ ਸਰੋਂ ਤੇ ਪਲਾਈ ਦੇ,
ਕੇਤਕੀ ਦਾ ਫੁੱਲ ਤੇਰੇ ਕੇਸਾਂ ਵਿਚ ਲਾਵਾ, ਦੇਖੀ ਡਿੱਗੇ ਨਾ ਖਿਆਲ ਜ਼ਰਾ ਰਖ ਨੀ,
ਕਾਸ਼ਨੀ ਜੇ ਰੰਗੇ ਨੀ ਤਰੇਕ ਵਾਲੇ ਫੁੱਲ, ਤੇਰੀ ਚੁਣੀ ਤੇ ਲਗਾਵਾ ਸਵਾ ਲਖ ਨੀ,
ਚਰੀ ਦੇਆ ਸਿੱਟੇਆ ਦਾ ਬਨੂਗਾ ਪਰਾੰਦਾ, ਫੁੱਲ ਸੱਨ ਵਾਲੇ ਗੋਟੇਆਂ ਨੂਂ ਲਾਇਦੇ,
ਕੇਸੂ, ਕਚਨਾਰ ਨੀ ਸ਼ਰੀ ਤੇ ਅਮਲਤ੍ਰਾਸ, ਤੇਰੇ ਲਈ ਹੀ ਖੇਤਾਂ ਚ ਉਗਾਈ ਦੇ,
ਮੋਤੀਆ, ਚਮੇਲੀ, ਬੇਲਾ, ਕੇਤਕੀ, ਤਰੇਕ ਫੁੱਲ ਤਾਰਾ-ਮੀਰਾ ਸਰੋਂ ਤੇ ਪਲਾਈ ਦੇ,
ਅਲਸੀ ਦੇ ਫੁੱਲਾ ਦੇ ਬਣਾ ਲਵਾੰਗੇ ਗੱਜਰੇ ਨੀ ਹਾਰ, ਟਿਕਾ, ਝਾੰਜਰਾ ਤੇ ਬੂੰਦੇ ਨੀ,
ਕਨਕਾਂ ਦੇ ਸਿਟੇਆ ਦੇ ਬਨੂਗੇ ਕਲਿਪ, ਮੈਂ ਉਡੀਕਦਾ ਸੁਨਿਹਰੀ ਕਦੋ ਹੁੰਦੇ ਨੀ,
ਮਿੱਡਿਆ ਸਜਾ ਕੇ ਚੁੱਣੀ ਗਲ ਵਿਚ ਪਾ ਕੇ, ਨੀ ਆ ਜਾਨ ਜਾਨ ਲੋਕਾਂ ਨੂ ਦਿਖਾਈ ਦੇ,
ਕੇਸੂ, ਕਚਨਾਰ ਨੀ ਸ਼ਰੀ ਤੇ ਅਮਲਤ੍ਰਾਸ, ਤੇਰੇ ਲਈ ਹੀ ਖੇਤਾਂ ਚ ਉਗਾਈ ਦੇ,
ਮੋਤੀਆ, ਚਮੇਲੀ, ਬੇਲਾ, ਕੇਤਕੀ, ਤਰੇਕ ਫੁੱਲ ਤਾਰਾ-ਮੀਰਾ ਸਰੋਂ ਤੇ ਪਲਾਈ ਦੇ,
ਬੂਟਾ ਗੁਲਮੋਹਰ ਦਾ ਲਗਾਵਾਗੇ ਜਦੋ, ਤੂਂ ਓਹਦੇ ਫੁੱਲ ਫੁਲਕਾਰੀ ਤੇ ਲਗਾਈ ਨੀ,
ਗੁਲਾਨਾਰੀ ਕੁੜਤੀ ਤੇ ਚਿੱਟੇ ਫੁੱਲ ਪੌਨੇ, ਜੇ ਤੁ ਤਿੱਨ ਚਾਰ ਦਿਨਾ ਲਈ ਆਈ ਨੀ,
ਜਾਣਾ ਪੈਣਾ ਫੇਰ ਸਾਨੂੰ ਮਾਲਵੇ ਦੇ ਵੱਲ, ਕੇ ਦੁਆਬੇ ਵਿਚ ਫੁੱਲ ਨੀ ਕਪਾਹੀ ਦੇ,
ਕੇਸੂ, ਕਚਨਾਰ ਨੀ ਸ਼ਰੀ ਤੇ ਅਮਲਤ੍ਰਾਸ, ਤੇਰੇ ਲਈ ਹੀ ਖੇਤਾਂ ਚ ਉਗਾਈ ਦੇ,
ਮੋਤੀਆ, ਚਮੇਲੀ, ਬੇਲਾ, ਕੇਤਕੀ, ਤਰੇਕ ਫੁੱਲ ਤਾਰਾ-ਮੀਰਾ ਸਰੋਂ ਤੇ ਪਲਾਈ ਦੇ,
ਛੱਲੀ ਦੇ ਸੁਨਿਹਰੀ ਵਾਲ ਕਲਗੀ ਨੂਂ ਲਾਵਾੰਗੇ, ਤੇ ਦਾਨੇਆ ਦਾ ਬੱਣ ਜੂਗਾ ਦਾਜ ਨੀ,
ਆਪੇ ਹੀ ਰੰਗ ਲਵਾੰਗੇ ਗੁਲਾਬੀ ਚਿਰੇ ਚੁੱਣਿਆਂ, ਤੇ ਸੂਰਮਾ ਵੀ ਪਾਲੂ 'ਸਰਤਾਜ' ਨੀ
ਜਿਹੜੀ ਰੁੱਤੇ ਫੁੱਲ ਲੱਗੇ ਆਸਾ ਵਾਲੇ ਬਾੰਸ ਨੂ ਨੀ, ਸੁਪਨੇ ਵੀ ਉਦੋ ਹੀ ਵਿਆਹੀ ਦੇ,
ਕੇਸੂ, ਕਚਨਾਰ ਨੀ ਸ਼ਰੀ ਤੇ ਅਮਲਤ੍ਰਾਸ, ਤੇਰੇ ਲਈ ਹੀ ਖੇਤਾਂ ਚ ਉਗਾਈ ਦੇ,
ਮੋਤੀਆ, ਚਮੇਲੀ, ਬੇਲਾ, ਕੇਤਕੀ, ਤਰੇਕ ਫੁੱਲ ਤਾਰਾ-ਮੀਰਾ ਸਰੋਂ ਤੇ ਪਲਾਈ ਦੇ…!!!
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Satinder Sartaj
Friday, January 15, 2010
Ajab Pagal Si Ladki Hai
Ajab pagal si larki hai,
Mujhe har khat mein likhti hai,
Mujhe tum yad karte ho?
Tumhe main yad aati hoon?
Meri batein satati hain,
Meri neende jagati hain,
Meri aankhe rulati hain,
December ki sunehri dhoop mein ab bhi tehalte ho?
Kisi khamosh raste se,
Koi awaz aati hai?
Thitharti sard raton mein,
Tum ab bhi chhat pe jate ho?
Falak ke sab sitaro ko,
Meri baatein sunate ho?
Kitabon se tumhare ishq mein koi kami aai?
Ya meri yaad ke shiddat se aankho mein nami aai?
Ajab pagal si larki hai,
Mujhe har khat mein likhti hai,
Jawaban us ko likhta hoon,
Meri masrufiat dekho,
Subah se sham office mein,
Chirag-e-Umar jalta hai,
Fir us ke baad dunia ki,
Kai majburian paon mein,
Beri dal rakhti hai,
Mujhe be-fikr chahat se,
Bhare sapne nahi dikhte,
Tahalne, Jagne, Rone ki,
Mohlat hi nahi milti,
Sitaron se mile arsa hua,
Naraz hon shayad,
Kitabon se shugaf mera,
Abhi vaise hi kayam hai,
Farq itna para hai bas,
Unhe arse mein parhta hoon,
Tumhe kisne kaha pagli,
Tumhe main yad karta hoon,
Ke main khud ko bhulane ki,
Musalsal justjoo mein hoon,
Magar yeh justjoo meri,
Bahut nakam rehti hai,
Mere din rat mein ab bhi,
Tumhari shaam rehti hai,
Mere lafzon ki har mala,
Tumhare naam rehti hai,
Tumhe kisne kaha pagli,
Tumhe main yaad karta hoon,
Purani baat hai jo log aksar gungunate hain,
Unhe ham yad karte hai jinhe hum bhool jate hain,
Ajab pagal si larki ho,
Meri masrufiat dekho,
Tumhe dil se bhulau,
To tumhari yaad aaye na,
Tumhe dil se bhulane ki,
Mujhe fursat nahi milti,
Aur iss masroof jeewan mein,
Tumhare khat ka ik jumla,
"Tumhe main yaad aati hoon?"
Meri chahat ki shiddat mein,
Kami hone nahi deta,
Bahut raaten jagaata hai,
Mujhe sone nahi deta,
So agli bar apne khat mein,
Yeh jumla nahi likhna,
Ajab pagal si larki hai,
Mujhe fir bhi ye likhti hai,
Mujhe tum yaad karte ho?
Tumhe main yaad aati hoon?
**********
अजब पागल सी लड़की है,
मुझे हर ख़त में लिखती है,
मुझे तुम याद करते हो?
तुम्हे मैं याद आती हूँ?
मेरी बातें सताती हैं,
मेरी नींदे जगाती हैं,
मेरी आँखे रुलाती हैं,
दिसंबर की सुनहरी धुप में अब भी टहलते हो?
किसी खामोश रस्ते से,
कोई आवाज़ आती है?
ठिठरती सर्द रातों में,
तुम अब भी छत पे जाते हो?
फलक के सब सितारों को,
मेरी बातें सुनाते हो?
किताबों से तुम्हारे इश्क में कोई कमी आई?
या मेरी याद के शिद्दत से आँखों में नमी आई?
अजब पागल सी लड़की है,
मुझे हर ख़त में लिखती है,
जवाबन उस को लिखता हूँ,
मेरी मसरुफिअत देखो,
सुबह से शाम ऑफिस में,
चिराग-ए-उम्र जलता है,
फिर उसके बाद दुनिया की,
कईं मज़बूरीयां पाओं में,
बेड़ी डाल रखती है,
मुझे बेफ़िक्र चाहत से,
भरे सपने नहीं दिखते,
टहलने, जागने, रोने की,
मोहलत ही नहीं मिलती,
सितारों से मिले अरसा हुआ,
नाराज़ हों शायद,
किताबों से शुगफ मेरा,
अभी वैसे ही कायम है,
फर्क इतना पड़ा है बस,
उन्हें अरसे में पढ़ता हूँ,
तुम्हे किसने कहा पगली,
तुम्हे मैं याद करता हूँ,
के मैं खुद को भुलाने की,
मुसलसल जुस्तजू में हूँ,
मगर ये जुस्तजू मेरी,
बहुत नाकाम रहती है,
मेरे दिन रात में अब भी,
तुम्हारी शाम रहती है,
मेरे लफ़्ज़ों की हर माला,
तुम्हारे नाम रहती है,
तुम्हे किसने कहा पगली,
तुम्हे मैं याद करता हूँ,
पुरानी बात है जो लोग अक्सर गुनगुनाते हैं,
उन्हें हम याद करते हैं जिन्हें हम भूल जाते हैं,
अजब पागल लड़की हो,
मेरी मसरुफिअत देखो,
तुम्हे दिल से भुलाऊ,
तो तुम्हारी याद आये ना,
तुम्हे दिल से भुलाने की,
मुझे फुरसत नहीं मिलती,
और इस मसरूफ जीवन में,
तुम्हारे ख़त का इक जुमला,
"तुम्हे मैं याद आती हूँ?"
मेरी चाहत की शिद्दत में,
कमी होने नहीं देता,
बहुत रातें जगाता है,
मुझे सोने नहीं देता,
सो अगली बार अपने ख़त में,
ये जुमला नहीं लिखना,
अजब पागल सी लड़की है,
मुझे फिर भी ये लिखती है,
मुझे तुम याद करते हो?
तुम्हे मैं याद आती हूँ?
Mujhe har khat mein likhti hai,
Mujhe tum yad karte ho?
Tumhe main yad aati hoon?
Meri batein satati hain,
Meri neende jagati hain,
Meri aankhe rulati hain,
December ki sunehri dhoop mein ab bhi tehalte ho?
Kisi khamosh raste se,
Koi awaz aati hai?
Thitharti sard raton mein,
Tum ab bhi chhat pe jate ho?
Falak ke sab sitaro ko,
Meri baatein sunate ho?
Kitabon se tumhare ishq mein koi kami aai?
Ya meri yaad ke shiddat se aankho mein nami aai?
Ajab pagal si larki hai,
Mujhe har khat mein likhti hai,
Jawaban us ko likhta hoon,
Meri masrufiat dekho,
Subah se sham office mein,
Chirag-e-Umar jalta hai,
Fir us ke baad dunia ki,
Kai majburian paon mein,
Beri dal rakhti hai,
Mujhe be-fikr chahat se,
Bhare sapne nahi dikhte,
Tahalne, Jagne, Rone ki,
Mohlat hi nahi milti,
Sitaron se mile arsa hua,
Naraz hon shayad,
Kitabon se shugaf mera,
Abhi vaise hi kayam hai,
Farq itna para hai bas,
Unhe arse mein parhta hoon,
Tumhe kisne kaha pagli,
Tumhe main yad karta hoon,
Ke main khud ko bhulane ki,
Musalsal justjoo mein hoon,
Magar yeh justjoo meri,
Bahut nakam rehti hai,
Mere din rat mein ab bhi,
Tumhari shaam rehti hai,
Mere lafzon ki har mala,
Tumhare naam rehti hai,
Tumhe kisne kaha pagli,
Tumhe main yaad karta hoon,
Purani baat hai jo log aksar gungunate hain,
Unhe ham yad karte hai jinhe hum bhool jate hain,
Ajab pagal si larki ho,
Meri masrufiat dekho,
Tumhe dil se bhulau,
To tumhari yaad aaye na,
Tumhe dil se bhulane ki,
Mujhe fursat nahi milti,
Aur iss masroof jeewan mein,
Tumhare khat ka ik jumla,
"Tumhe main yaad aati hoon?"
Meri chahat ki shiddat mein,
Kami hone nahi deta,
Bahut raaten jagaata hai,
Mujhe sone nahi deta,
So agli bar apne khat mein,
Yeh jumla nahi likhna,
Ajab pagal si larki hai,
Mujhe fir bhi ye likhti hai,
Mujhe tum yaad karte ho?
Tumhe main yaad aati hoon?
**********
अजब पागल सी लड़की है,
मुझे हर ख़त में लिखती है,
मुझे तुम याद करते हो?
तुम्हे मैं याद आती हूँ?
मेरी बातें सताती हैं,
मेरी नींदे जगाती हैं,
मेरी आँखे रुलाती हैं,
दिसंबर की सुनहरी धुप में अब भी टहलते हो?
किसी खामोश रस्ते से,
कोई आवाज़ आती है?
ठिठरती सर्द रातों में,
तुम अब भी छत पे जाते हो?
फलक के सब सितारों को,
मेरी बातें सुनाते हो?
किताबों से तुम्हारे इश्क में कोई कमी आई?
या मेरी याद के शिद्दत से आँखों में नमी आई?
अजब पागल सी लड़की है,
मुझे हर ख़त में लिखती है,
जवाबन उस को लिखता हूँ,
मेरी मसरुफिअत देखो,
सुबह से शाम ऑफिस में,
चिराग-ए-उम्र जलता है,
फिर उसके बाद दुनिया की,
कईं मज़बूरीयां पाओं में,
बेड़ी डाल रखती है,
मुझे बेफ़िक्र चाहत से,
भरे सपने नहीं दिखते,
टहलने, जागने, रोने की,
मोहलत ही नहीं मिलती,
सितारों से मिले अरसा हुआ,
नाराज़ हों शायद,
किताबों से शुगफ मेरा,
अभी वैसे ही कायम है,
फर्क इतना पड़ा है बस,
उन्हें अरसे में पढ़ता हूँ,
तुम्हे किसने कहा पगली,
तुम्हे मैं याद करता हूँ,
के मैं खुद को भुलाने की,
मुसलसल जुस्तजू में हूँ,
मगर ये जुस्तजू मेरी,
बहुत नाकाम रहती है,
मेरे दिन रात में अब भी,
तुम्हारी शाम रहती है,
मेरे लफ़्ज़ों की हर माला,
तुम्हारे नाम रहती है,
तुम्हे किसने कहा पगली,
तुम्हे मैं याद करता हूँ,
पुरानी बात है जो लोग अक्सर गुनगुनाते हैं,
उन्हें हम याद करते हैं जिन्हें हम भूल जाते हैं,
अजब पागल लड़की हो,
मेरी मसरुफिअत देखो,
तुम्हे दिल से भुलाऊ,
तो तुम्हारी याद आये ना,
तुम्हे दिल से भुलाने की,
मुझे फुरसत नहीं मिलती,
और इस मसरूफ जीवन में,
तुम्हारे ख़त का इक जुमला,
"तुम्हे मैं याद आती हूँ?"
मेरी चाहत की शिद्दत में,
कमी होने नहीं देता,
बहुत रातें जगाता है,
मुझे सोने नहीं देता,
सो अगली बार अपने ख़त में,
ये जुमला नहीं लिखना,
अजब पागल सी लड़की है,
मुझे फिर भी ये लिखती है,
मुझे तुम याद करते हो?
तुम्हे मैं याद आती हूँ?
Saturday, January 9, 2010
Sai (Lyrics) by Satinder Sartaj
Jadon ishq de kamm nu hath, laiye,
Pehla rabb da naam dhiaiye ji,
Tadon shayri shayar de val howe,
Jadon iszm hazoor taon paiye ji,
Palle daultan hon taan vand daiye,
Oh bandi chhodean na sadvaiye ji,
Waaris shah rall naal pyarean de,
Navi Ishq di vaat chalaiye ji,
Sai, sai ve sadi fariyad tere ta'een,
Sai, ve bahon farh beda banne la'een,
Sai, ve merea gunaha nu luka'een,
Sai, ve haajra hazoor ve tu aa'een,
Sai, ve sadi fariyad tere ta'een,
Sai, ve bahon farh beda banne la'een,
Sai, ve merea gunaha nu luka'een,
Sai, ve haajra hazoor ve tu aa'een,
Sai, ve fera maskeena val pa'een,
Sai, ve main nu mere andron muka'een,
Sai, ve bol khaak saara de puga'een,
Sai, ve haq vich faisle suna'een,
Sai, ve main nu mere andron muka'een,
Sai, ve hauli hauli khamian ghata'een,
Sai, ve diggiye ta farh ke utha'een,
Sai, ve dekhi na bharose aazma'een,
O Sai, ve aukhe saukhe raahan ton kadha'een,
Sai, ve taal vich turna sikha'een,
Sai, ve kalaa nu vi hor chamka'een,
Sai, ve suraan nu bitha de thaon thaa'een,
Sai, ve saaz russ gaye taa mana'een,
Sai, ve ehna naal vaad vi rala'een,
Sai, ve kanni kisse geet di farhaa'een,
Sai, ve nagme nu varh ke jaga'een,
Sai, ve shayri che asar vikha'een,
Sai, ve jazbe di vel nu wadha'een,
Sai, ve roohan nu na aiven tarsa'een,
Sai, ve ghut ghut sab nu piya'een,
Sai, ve saer tu khayalaan nu kara'een,
Sai, ve tarean de des lai ke ja'een,
Sai, ve sufian de vangraan nacha'een,
Sai, ve assi saj baithe cha'een, cha'een,
Sai, ve thori bohti adaa vi sikha'een,
Sai, ve mere nal nal tu vi ga'een,
Sai, ve laaz 'Sartaj' di bacha'een,
O Sai, ve bahon farh beda banne la'een,
Sai, ve sadi fariyad tere ta'een,
Sai, ve haajra hazoor ve tu aa'een,
Sai, ve fera maskeena val pa'een,
Sai, ve haq vich faisle suna'een,
Sai, ve mere nal nal tu vi ga'een,
Sai, ve sadi fariyad tere ta'een,
Sai, ve bahon farh beda banne la'een,
Sai, ve haajra hazoor ve tu aa'een,
Sai, ve laaz 'Sartaj' di bacha'een...!!!
**********
ਜਦੋਂ ਇਸ਼ਕ ਦੇ ਕੱਮ ਨੂਂ ਹਥ, ਲਾਇਏ,
ਪਹਲਾਂ ਰੱਬ ਦਾ ਨਾਮ ਧਿਆਇਯੇ ਜੀ,
ਤਦੋਂ ਸ਼ਾਯਰੀ ਸ਼ਾਯਰ ਦੇ ਵੱਲ ਹੋਵੇ,
ਜਦੋਂ ਇਜ਼ਮ ਹਜ਼ੂਰ ਤੋਂ ਪਾਇਯੇ ਜੀ,
ਪੱਲੇ ਦੌਲਤਾਂ ਹੋਨ ਤਾਂ ਵੰਡ ਦਇਯੇ,
ਓਹ ਬੰਦੀ ਛੋੜੇਯਾਂ ਨਾ ਸਦਵਾਇਯੇ ਜੀ,
ਵਾਰਿਸ ਸ਼ਾਹ ਰੱਲ ਨਾਲ ਪ੍ਯਾਰੇਆਂ ਦੇ,
ਨਵੀ ਇਸ਼ਕ ਦੀ ਵਾਤ ਚਲਾਇਯੇ ਜੀ,
Pehla rabb da naam dhiaiye ji,
Tadon shayri shayar de val howe,
Jadon iszm hazoor taon paiye ji,
Palle daultan hon taan vand daiye,
Oh bandi chhodean na sadvaiye ji,
Waaris shah rall naal pyarean de,
Navi Ishq di vaat chalaiye ji,
Sai, sai ve sadi fariyad tere ta'een,
Sai, ve bahon farh beda banne la'een,
Sai, ve merea gunaha nu luka'een,
Sai, ve haajra hazoor ve tu aa'een,
Sai, ve sadi fariyad tere ta'een,
Sai, ve bahon farh beda banne la'een,
Sai, ve merea gunaha nu luka'een,
Sai, ve haajra hazoor ve tu aa'een,
Sai, ve fera maskeena val pa'een,
Sai, ve main nu mere andron muka'een,
Sai, ve bol khaak saara de puga'een,
Sai, ve haq vich faisle suna'een,
Sai, ve main nu mere andron muka'een,
Sai, ve hauli hauli khamian ghata'een,
Sai, ve diggiye ta farh ke utha'een,
Sai, ve dekhi na bharose aazma'een,
O Sai, ve aukhe saukhe raahan ton kadha'een,
Sai, ve taal vich turna sikha'een,
Sai, ve kalaa nu vi hor chamka'een,
Sai, ve suraan nu bitha de thaon thaa'een,
Sai, ve saaz russ gaye taa mana'een,
Sai, ve ehna naal vaad vi rala'een,
Sai, ve kanni kisse geet di farhaa'een,
Sai, ve nagme nu varh ke jaga'een,
Sai, ve shayri che asar vikha'een,
Sai, ve jazbe di vel nu wadha'een,
Sai, ve roohan nu na aiven tarsa'een,
Sai, ve ghut ghut sab nu piya'een,
Sai, ve saer tu khayalaan nu kara'een,
Sai, ve tarean de des lai ke ja'een,
Sai, ve sufian de vangraan nacha'een,
Sai, ve assi saj baithe cha'een, cha'een,
Sai, ve thori bohti adaa vi sikha'een,
Sai, ve mere nal nal tu vi ga'een,
Sai, ve laaz 'Sartaj' di bacha'een,
O Sai, ve bahon farh beda banne la'een,
Sai, ve sadi fariyad tere ta'een,
Sai, ve haajra hazoor ve tu aa'een,
Sai, ve fera maskeena val pa'een,
Sai, ve haq vich faisle suna'een,
Sai, ve mere nal nal tu vi ga'een,
Sai, ve sadi fariyad tere ta'een,
Sai, ve bahon farh beda banne la'een,
Sai, ve haajra hazoor ve tu aa'een,
Sai, ve laaz 'Sartaj' di bacha'een...!!!
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ਜਦੋਂ ਇਸ਼ਕ ਦੇ ਕੱਮ ਨੂਂ ਹਥ, ਲਾਇਏ,
ਪਹਲਾਂ ਰੱਬ ਦਾ ਨਾਮ ਧਿਆਇਯੇ ਜੀ,
ਤਦੋਂ ਸ਼ਾਯਰੀ ਸ਼ਾਯਰ ਦੇ ਵੱਲ ਹੋਵੇ,
ਜਦੋਂ ਇਜ਼ਮ ਹਜ਼ੂਰ ਤੋਂ ਪਾਇਯੇ ਜੀ,
ਪੱਲੇ ਦੌਲਤਾਂ ਹੋਨ ਤਾਂ ਵੰਡ ਦਇਯੇ,
ਓਹ ਬੰਦੀ ਛੋੜੇਯਾਂ ਨਾ ਸਦਵਾਇਯੇ ਜੀ,
ਵਾਰਿਸ ਸ਼ਾਹ ਰੱਲ ਨਾਲ ਪ੍ਯਾਰੇਆਂ ਦੇ,
ਨਵੀ ਇਸ਼ਕ ਦੀ ਵਾਤ ਚਲਾਇਯੇ ਜੀ,
Thursday, January 7, 2010
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