Ishq pagal kar gaya to kya karoge,
Soch lo,
Saneha aisa hua to kya karoge,
Soch lo,
Sath uske har kadam chalne ki aadat,
Kis liye,
Chhod kar wo chal diya to kya karoge,
Soch lo,
Shor bahar hai abhi is waaste khamosh ho,
Shor andar se utha to kya karoge,
Soch lo,
Band ankho mein adhura khaab bunte ho,
Magar,
Koi in mein aa basa to kya karoge,
Soch lo,
Dar dareeche sab muqafil kar baithe ho,
Magar,
Wo achanak aa gaya to kya karoge,
Soch lo,
Doobte hue suraj ka chehra aur naksh-e-pa,
Jab wo manjar gum hua to kya karoge,
Soch lo...!!!
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इश्क पागल कर गया तो क्या करोगे,
सोच लो,
सनेहा ऐसा हुआ तो क्या करोगे,
सोच लो,
साथ उसके हर कदम चलने की आदत,
किस लिए,
छोड़ कर वो चल दिया तो क्या करोगे,
सोच लो,
शोर बाहर है अभी इस वास्ते खामोश हो,
शोर अंदर से उठा तो क्या करोगे,
सोच लो,
बंद आँखों में अधूरा खाब बुनते हो,
मगर,
कोई इन में आ बसा तो क्या करोगे,
सोच लो,
दर दरीचे सब मुकाफिल कर बैठे हो,
मगर,
वो अचानक आ गया तो क्या करोगे,
सोच लो,
डूबते हुए सूरज का चेहरा और नक़्श-ए-पा,
जब वो मंज़र गम हुआ तो क्या करोगे,
सोच लो...!!!
दरीचे : Windows
मुकालिफ : Close
नक्श-ए-पा : Foot Print
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