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Tuesday, August 17, 2010

Har Saans Mein Uska Noor Hai

Har saans mein uska noor hai,
Par deed se kitna door hai,

Chalo chand se baat karein,
Wo kyon itna magroor hai,

Roz-o-shab pathhar sote,
Naqqash magar mazboor hai,

Jana khali hath hai sabko,
Zamane ka dastoor hai,

Daga kalam se nahin karenge,
Har saza humein manzoor hai,

Pata puchhti hai ruswai,
Naam jis ka mash'hoor hai,

Har balaa se hai wo baalaa,
Sar pe jahaan sindoor hai,

Dard wo jane kya zulmat ka,
Har pal jahaan pe noor hai,

Tum bhi so jao "Ahsaas",
Abhi shab zara makhmoor hai...!!!

By Suyash Ahsaas

**********

हर सांस में उसका नूर है,
पर दीद से कितना दूर है,

चलो चाँद से बात करें,
वो क्यों इतना मगरूर है,

रोज-ओ-शब् पत्थर सोते,
नक्काश मगर मजबूर है,

जाना खाली हाथ है सबको,
ज़माने का दस्तूर है,

दगा कलम से नहीं करेंगे,
हर सजा हमें मंज़ूर है,

पता पूछती है रुसवाई,
नाम जिस का मशहूर है,

हर बला से है वो बाला,
सर पे जहां सिन्दूर है,

दर्द वो जाने क्या ज़ुल्मत का,
हर पल जहां पे नूर है,

हर सांस में उसका नूर है,
पर दीद से कितना दूर है,

चलो चाँद से बात करें,
वो क्यों इतना मगरूर है,

रोज-ओ-शब् पत्थर सोते,
नक्काश मगर मजबूर है,

जाना खाली हाथ है सबको,
ज़माने का दस्तूर है,

दगा कलम से नहीं करेंगे,
हर सजा हमें मंज़ूर है,

पता पूछती है रुसवाई,
नाम जिस का मशहूर है,

हर बला से है वो बाला,
सर पे जहां सिन्दूर है,

दर्द वो जाने क्या ज़ुल्मत का,
हर पल जहां पे नूर है,

तुम भी सो जाओ "अहसास",
अभी शब् ज़रा मखमूर है...!!!

"सुयश अहसाह"

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