Meri raton ki rahat din ka itminan le jana,
Tumhare kaam aa jayega, ye samaan le jana,
Tumhare baad kya rakhna anaa se wasta koi?
Tum apne saath mera umr bhar ka maan le jana,
Shikista ke kuch reze pade hain farsh par, chun lo,
Agar tum jod sakte ho to ye guldan le jana,
Udhar almarion mein chand awraaq pareshan hain,
Mere ye baqimanda khwab meri jaan le jana,
Tumhe aise to khali haath rukhsat kar nahi sakte,
Purani dosti hai iski kuch pehchan le jana,
Irada kar liya hai tum ne gar sach much bichharne ka,
To fir apne ye sare wada-o-paiman le jana,
Agar thodi bahut hai shayri se unko dilchaspi,
To unke samne tum mera ye diwan le jana...!!!
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मेरी रातों की राहत दिन का इत्मिनान ले जाना,
तुम्हारे काम आ जायेगा, ये सामान ले जाना,
तुम्हारे बाद क्या रखना आना से वास्ता कोई?
तुम अपने साथ मेरा उम्र भर का मान ले जाना,
शिकिस्ता के कुछ रेज़े पड़े हैं फर्श पर, चुन लो,
अगर तुम जोड़ सकते हो तो ये गुलदान ले जाना,
उधर अल्मारिओं में चाँद अव्राक परेशां हैं,
मेरे ये बाकिमंदा ख्वाब मेरी जान ले जाना,
तुम्हे ऐसे तो खाली हाथ रुखसत कर नहीं सकते,
पुरानी दोस्ती है इसकी कुछ पहचान ले जाना,
इरादा कर लिया है तुमने गर सच मुच बिछड़ने का,
तो फिर अपने ये सारे वादा-ओ-पैमान ले जाना,
अगर थोड़ी बहुत है शायरी से उनको दिलचस्पी,
तो उनके सामने तुम मेरा ये दीवान ले जाना...!!!
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