Thahar jao ke hairani to jaye,
Tumhari shakal pehchani to jaye,
Shab-e-gam tu hi mehmaan ban ke aaja,
Hamare ghar ki virani to jaye,
Zara khul kar bhi ro lene do humko,
Ke dil ki aag tak pani to jaye,
Balaa se tod dalo aaino ko,
Kiski surat ye hairani to jaye...!!!
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ठहर जाओ के हैरानी तो जाये,
तुम्हारी शक्ल पहचानी तो जाये,
शब्-ए-गम तू ही मेहमान बन के आजा,
हमारे घर की वीरानी तो जाये,
ज़रा खुल कर भी रो लेने दो हमको,
के दिल की आग तक पानी तो जाये,
बला से तोड़ डालो आइनों को,
किसकी सूरत ये हैरानी तो जाये...!!!
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