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Tuesday, February 8, 2011

Ik Nadani Wo Aur Main

Sham ka manzar,
Uljha rasta,
Ek kahani, Wo aur main,

Dhalta suraj,
Badhta saya,
Kashti rani, Wo aur main,

Band ik kamra,
Chup ka manzar,
Bhuli bisri,
Deepak yaad,
Tanhai dukh,
Khauf ki lazzat,
Dilbarjani, Wo aur main,

Titli khushbu,
Rang ki batein,
Shabnam se sharmile khwab,
Aas ke panchhi,
Gum sum khwahish,
Raat ki rani, Wo aur main,

Palken chilman,
Sharma sharmi,
Kum kum goya nazren,
Qurb,
Raaton jaisi,
Seedhi sadhi,
Ik nadani, Wo aur main...!!!

**********

शाम का मंज़र,
उलझा रास्ता,
एक कहानी, वो और मैं,

ढलता सूरज,
बढ़ता साया,
कश्ती रानी, वो और मैं,

बंद इक कमरा,
चुप का मंज़र,
भूली बिसरी दीपक याद,
तन्हाई दुःख,
खौफ की लज़्ज़त,
दिलबरजानी, वो और मैं,

तित्ली खुशबु,
रंग की बातें,
शबनम से शर्मीले ख्वाब,
आस के पंछी,
गम सुम ख्वाहिश,
रात की रानी, वो और मैं,

पलकें चिलमन,
शरमा शरमी,
कुम कुम गोया नज़रें,
कुर्ब,
रातों जैसी,
सीधी साधी,
इक नादानी, वो और मैं...!!!

Sunday, February 6, 2011

Usko Pata Ho Jaega

Sar jhukaoge to pathar devta ho jaega,
Itna mat chaho use wo bewafa ho jaega,

Hum bhi darya hai hume apna hunr malum hai,
Jis tarf bhi chal padenge rasta ho jaega,

Kitni sachai se mujhse zindgi ne keh dia,
Tu nahi mera to koi dusra ho jaega,

Sab isi ke hain hawa, khushbu, zameen-o-asma,
Main jaha bhi jaunga usko pta ho jaega...!!!

**********

सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा,
इतना मत चाहो उसे वो बेवफा हो जाएगा,

हम भी दरया है हमे अपने हुनर मालूम है,
जिस तरफ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा,

कितनी सच्चाई से मुझसे जिंदगी ने कह दिया,
तू नहीं मेरा तो कोई दूसरा हो जाएगा,

सब इसी के हैं हवा, खुशबु, ज़मीं-ओ-आसमां,
मैं जहाँ भी जाऊंगा उसको पता हो जाएगा...!!!

Monday, December 28, 2009

Ye Gam Kya Hota Hai

Ashkon ke samandar se gujra hoon main,
Dard-e-ahsaas se bhi gujar hota hai aksar,
Fir bhi honton se muskurahat na juda hota hai,
Koi bata de mujhko ye gam kya hota hai,

Dil ki hasratein bhi dum torh chuki hain,
Sapno ki kirchiyan bhi chubhi hain mujhko,
Aankhon se fir bhi ek chamak ayan hota hai,
Koi bata de mujhko ye gam kya hota hai,

Baag mera saara ab sehra Hua,
Ab to ret me hi khushbu maine dhundh liya hai,
Kaanton se hi husn-e-gul byan hota hai,
Koi bata de mujhko ye gam kya hota hai,

Wafaaon ka janaja bhi uthaya hai maine,
Husn-e-ishq ko bhi maine kandha diya hai,
Kabr ke phoolon se khushbu kab juda hota hai,
Koi bata de mujhko ye gam kya hota hai...!!!

**********

अश्कों के समंदर से गुजरा हूँ मैं,
दर्द-ए-अह्सास से भी गुज़र होता है अक्सर्,
फिर भी होंठों से मुस्कुराहट ना जुदा होता है,
कोई बता दे मुझको ये गम क्या होता है,

दिल की हसरतें भी दम तोड़ चुकी हैं,
सपनों की किर्चियां भी चुभी है मुझको,
आंखो से फिर भी एक चमक अयां होता है,
कोई बता दे मुझको ये गम क्या होता है,

बाग मेरा सारा अब सेहरा हुआ,
अब तो रेत में ही खुश्बू मैने ढूंढ लिया है,
कांटो से ही हुस्न-ए-गुल बयां होता है,
कोई बता दे मुझको ये गम क्या होता है,

वफाओं का जनाज़ा भी उठाया है मैने,
हुस्न-ए-इश्क़ को भी मैने कांधा दिया है,
कब्र के फूलों से खुश्बू कब जुदा होता है,
कोई बता दे मुझको ये गम क्या होता है...!!!

Wednesday, September 16, 2009

मेरी जिंदगी की किताब से - Meri Zindgi Ki Kitab Se

ये अकेलेपन की उदासियाँ ये फिराक लम्हे अजाब के,
कभी दस्त-ए-दिल पे भी आ रुकें तेरी चाहतों के काफिले,

मैं हूँ तुझको जान से अजीज मैं ये कैसे मान लूं अजनबी,
तेरी बात लगती है वहम सी तेरे लफ्ज़ लगते है ख्वाब से,

ये जो मेरा रंग है रूप है यूं ही बेसबब नहीं दोस्तों,
मेरे खुशबुओं से है सिलसिले मेरी निस्बतें हैं गुलाब से,

वोही मोतबर है मेरे लिए वो ही हासिल-ए-दिल ओ जान है,
वो जो बाब तुमने चुरा लिया मेरी जिंदगी की किताब से...!!!


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Wednesday, September 9, 2009

उम्मीद दिलाते हैं ज़माने वाले - Umeed Dilate Hain Zamane Wale

यूँ ही उम्मीद दिलाते हैं ज़माने वाले,
कब पलटते हैं भला छोड़ के जाने वाले,

तू कभी देख झुलसते हुए सेहरा में दरख्त,
कैसे जलते हैं वफाओं को निभाने वाले,

उन से आती है तेरे लम्स की खुशबु अब तक,
ख़त निकाले हुए बैठा हूँ पुराने वाले,

आ कभी देख ज़रा उन की शबों में आकर,
कितना रोते हैं ज़माने को हंसाने वाले,

कुछ तो आँखों की ज़ुबानी भी कहे जाते हैं,
राज़ होते नहीं सब मुंह से बताने वाले,

आज न चाँद ना तारा है ना जुगनू कोई,
राब्ते ख़तम हुए उन से मिलाने वाले...!!!

घर आओ किसी दिन - Ghar Aao Kisi Din

चेहरे पे मेरे जुल्फ को फैलाओ किसी दिन,
क्या रोज़ गरजते हो बरस जाओ किसी दिन,

राजों की तरह उतरो मेरे दिल में किसी शब्,
दस्तक पे मेरे हाथ की खुल जाओ किसी दिन,

पैरों की तरह हुस्न की बारिश में नहा लो,
बादल की तरह झूम के घर आओ किसी दिन,

खुशबू की तरह गुजरो मेरे दिल की गली से,
फूलों की तरह मुझ पे बिखर जाओ किसी दिन,

फिर हाथ की खैरात मिले बंद कुबा को,
फिर लुत्फ़ शब्-ए-वस्ल को दोहराओ किसी दिन,

गुजरें जो मेरे घर से तो रुक जाएँ सितारे,
कुछ इस तरह मेरी रात को चमकाओ किसी दिन,

मैं अपनी हर इक सांस उसी रात को दे दूं,
सर रख के मेरे सीने पे सो जाओ किसी दिन...!!!

Tuesday, July 28, 2009

Barbaad Na Kar

Aa ke le jao meri aankh ka pani mujh se,
Kyu hasad karti hai darya ki rawani mujh se,

Gosht nakhun se alag kar ke dikhaya maine,
Uss ne pucha tha judai ka maani mujh se,

Teri khushbu ki lehd par bada tanha tha,
Ro pari mil ke gale 'Raat ki Rani' mujh se,

Khatam hone laga jab khoon bhi aankho ki tarah,
Kar gaye khwab mere nakat makani mujh se,

Sirf ek shakhs ke gham mein mujhe 'Barbaad' na kar,
Roz rote huye kehti hai 'Jawani' mujh se...!


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